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कल अख़बार में पड़ा की सोमपाल सस्त्री को समाजवादी पार्टी से टिकट मिला,.अब जरा ध्यान दीजिये की सोमपाल जी सभी पार्टियों में घूम चुके हैं इसलिए नहीं की उनको कोई पार्टी पसंद नहीं आयी बल्कि मौका देख कर जरुरत के हिसाब से पार्टी बदल दी जाती है जब जिस पार्टी से टिकट मिला उधर ही भाग लिए .पहले ये कांग्रेस में थे और उसके बाद बीजेपी में आये अब समाजवादी की साइकिल पे सवार हो गए .ऐसा सिर्फ ये शास्त्री जी ही नहीं कर रहे है बल्कि यही आज की सचाई है ज्यादातर हर नेता अवसरवादी हो चूका है पर चुनाव आयोग को ये सब दिखाई नहीं देता. मैं चुनाव आयोग को ये सुझाव देना चाहता हूँ की एक नियम इस प्रकार का बने सभी पार्टीज के लिए की किसी भी कैंडिडेट को टिकट देने के लिए ये अनिवार्य होना चाहिए की पहले पार्टी की सेवा करो उसके बाद पार्टी का टिकट मिलेगा.क्योंकि जीतने के बाद ५ साल सत्ता का मजा लेना है अत कम से कम ५ साल पार्टी की सेवा करना अनिवार्य है.जब ५ साल पार्टी की सेवा कर सकते हो तो साबित हो सकता है की आप देश की सेवा भी कर सकते हो.इस तरह अवसर वदित पर लगाम लगे जा सके.
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